IPL एक क्रिकेट टूर्नामेंट ही नहीं ये बल्कि टीम मालिकों का पैसा बनाने का एक बिजनेस कि तरह भी है | इनकी कमाई का राज जानकर आप भी चौक जाएंगे की किस तरह यदि ये 1 भी फ़ाइनल टूर्नामेट न जीते तों किस तरह से ये हमेशा फायदे में ही रहते हैं | चलिए जानते हैं – सबसे पहले जानते हैं कि IPL टीम मालिकों का पैसा कहाँ कहाँ खर्च होता है |

IPL टीम कैसे खरीदी जाती है?
जब BCCI किसी नई टीम जोड़ने का निर्णय लेती है, तो वह एक बोली प्रक्रिया (Bidding Process) आयोजित कराइ जाती है। इच्छुक कंपनियाँ या व्यक्ति BCCI से एक Invitation to Tender (ITT) डॉक्यूमेंट खरीदते हैं। इसमें सभी नियम, शर्तें और पात्रता की जानकारी होती है।
इच्छुक पक्ष अपने अनुसार बोली (Bid) लगाते हैं, यानी वो BCCI को बताते हैं कि वे कितने पैसे में टीम खरीदने के लिए तैयार हैं। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को टीम का मालिकाना हक नियम और शर्तों के साथ मिलती है।
उदाहरण
वर्ष 2022 में Lucknow Super Giants और Gujarat Titans को शामिल किया गया था। यह पैसा उन्हे 10 वर्षों में BCCI को देने होते हैं|
— Lucknow टीम को RPSG Group ने लगभग ₹7,090 करोड़ में खरीदा।
—Gujarat टीम को CVC Capital Partners ने लगभग ₹5,625 करोड़ में।
खिलाड़ीयों को खरीदने और रिटेन करने का खर्च
IPL में हर टीम को खिलाड़ियों पर खर्च करने के लिए एक निश्चित बजट (पर्स) तय किया जाता है। इसे “Auction Purse” या “Salary Cap” कहा जाता है |
IPL 2025 में हर टीम का पर्स 120 करोड था | इसका मतलब है कि प्रत्येक टीम खिलाडियों को पुराने खिलाड़ियों को रिटेन करने कि फीस और नई खिलाड़ीयों कि बोली लगाने में सिर्फ इतना ही खर्च कर सकती हैं | IPL 2024 में पत्येक टीम का पर्स 100 करोड था | पत्येक वर्ष यह बदलता रहता है |
खिलाड़ीयों की ट्रेनिंग और होटल में रुकने का खर्च
IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और होटल में रुकने का खर्च टीम, शहर और सीज़न पर निर्भर करता है, लेकिन एक अनुमानित औसत दिया जा सकता है। यह खर्च कई चीजों में बंटा होता है जैसे:
होटल और लॉजिंग खर्च (Hotel & Accommodation):
- प्रति रात प्रति खिलाड़ी: ₹15,000 – ₹50,000 (लक्ज़री 5 स्टार होटल्स)
- पूरे टूर्नामेंट के लिए: एक टीम में लगभग 25 खिलाड़ी होते हैं, और टूर्नामेंट लगभग 2 महीने (60 दिन) चलता है।
तो,
25 खिलाड़ी × ₹25,000 × 60 दिन ≈ ₹3.75 करोड़ (केवल खिलाड़ियों का अनुमानित होटल खर्च)
साथ ही कोचिंग स्टाफ, सपोर्ट स्टाफ आदि को मिलाकर यह खर्च ₹6-8 करोड़ तक हो सकता है।
ट्रेनिंग खर्च:
- इसमें स्टेडियम किराया, फिटनेस ट्रेनर, फिजियोथैरेपिस्ट, जिम एक्सेस आदि शामिल होते हैं।
- प्रति टीम अनुमानित खर्च: ₹1.5 – ₹3 करोड़
संपूर्ण अनुमानित खर्च (Training + Stay):
एक टीम का टोटल: ₹8 – ₹12 करोड़ प्रति सीज़न
आइये अब जानते हैं की की इनकी कमाई कैसे होई है
कैसे होती है IPL Franchises मालिकों की कमाई ?
मिडिया राइटस (Media Rights)- सबसे बड़ा कमाई का जरिया
टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स IPL दिखाने के लिए हजारों करोड़ में राइट्स खरीदते हैं।
2023-27 का ब्रॉडकास्ट डील करीब ₹48,390 करोड़ का है।
इसका हिस्सा सभी फ्रेंचाइज़ियों को बराबरी मिलता है।
स्टेडियम टिकेट (Stadium Tickets) से कमाई
प्रत्येक टीम को अपने घरेलू मैदान (Home Ground) में 7 मैच खेलने होते हैं | स्टेडियम में मैच देखने आए दर्शको की टिकेट बिक्री से सीधी कमाई होती है | होम ग्राउंड में टिकेट बिक्री का बड़ा हिस्सा होम टीम को मिलता है | अनुमानित एक टीम को प्रतेयेक मैच में 15-20 करोड मिलते हैं | यानी प्रत्येक सीजन 100 करोड टीम को यहाँ से मिल जाते हैं |
टीम के सामान की बिक्री (Merchandise Sales)
जब आप किसी IPL टीम की जर्सी, कैप, बोतल, बैग, मफलर, मोबाइल कवर, बैंड, पोस्टर या अन्य फैन आइटम्स खरीदते हो – तो वो सब “Merchandise” कहलाता है।
एक जर्सी की कीमत ₹999 – ₹2500 तक होती है। अगर एक टीम 1 लाख जर्सी भी बेच दे सीज़न में, तो सिर्फ उससे ही ₹10–₹20 करोड़ की कमाई हो सकती है।
टीम किसी कंपनी (जैसे The Souled Store, Puma आदि) से पार्टनरशिप करती है जो मर्चेंडाइज बनाए और बेचे। रेवेन्यू शेयर होता है: कंपनी को कुछ हिस्सा, टीम को कुछ हिस्सा।
स्पॉन्सरशिप (Sponsorship) – ब्रांड प्रमोशन से कमा
आईपीएल की हर टीम के पास कई तरह के स्पॉन्सर होते हैं – जैसे मुख्य स्पॉन्सर, जर्सी स्पॉन्सर और स्लीव स्पॉन्सर। लीग में लगभग हर चीज़ का व्यावसायिक मूल्य होता है – यहां तक कि स्टंप्स और बाउंड्री रोप्स तक स्पॉन्सर होते हैं।
मैदान में विज्ञापन– जैसे LED बोर्ड्स, स्टंप्स, बाउंड्री लाइन, और अन्य विज़ुअल स्पॉट्स पर ब्रांड्स का प्रचार किया जाता है।
ब्रांड वैल्यू से
जैसे-जैसे IPL पॉपुलर हो रहा है, टीम की वैल्यू बढ़ रही है। जैसे की एक रिपोर्ट के अनुससार CSK की वैल्यू 2024 में ₹8,000 करोड़ से ज़्यादा हो गई थी। आज के समय देखा है तों चेन्नई सुपर किंग (Chennai Super King), मुंबई इंडियन (Mumbai Indian), रॉयल चल्लेंजर बंगलोर(Royal Challenger Bangalore) की ब्रांड वैल्यू बाकी टीम की तुलना में अधिक है |
टीम मालिक चाहे तों टीम की हिस्सेदारी बेच कर अच्छ मुनाफा कमा सकते हैं | रही बात ब्रांड वैलूएशन की तों वह दिन प्रति दिन हर टीम की बढती ही जाती है |
पुरस्कार राशि (Prize Money)
IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) में विजेता टीम को काफी बड़ा इनाम मिलता है। इनाम राशि हर साल थोड़ा बहुत बदलती रहती है, लेकिन यहां 2024 के अनुसार इनाम राशि का एक अंदाज़ा दिया गया है:
विजेता (Champion) – ₹20 करोड़
उपविजेता (Runner-up) – ₹13 करोड़
तीसरे स्थान पर (Qualifier 2 हारने वाली) – ₹7 करोड़
चौथे स्थान पर (Eliminator हारने वाली) – ₹6.5 करोड़ |
इनाम राशि BCCI द्वारा तय की जाती है और स्पॉन्सर्स के सहयोग से आती है। टीमों को यह इनाम उनके मालिकों और खिलाड़ियों में बाँटना होता है, अक्सर खिलाड़ी बोनस के रूप में भी हिस्सा पाते हैं।
इस तरह से IPL टीम मालिकों की कमाई होती है क्योंकि मालिकों का ज्यादा कुछ घाटा नही हो रहा है अगर लबे समय के दृष्टि से देखा जै तों |
IPL केवल एक क्रिकेट लीग नहीं, बल्कि एक बिज़नेस इवेंट बन चुका है. इसके माध्यम से फ्रेंचाइज़ी, ब्रॉडकास्टर्स, स्पॉन्सर्स और खिलाड़ी सभी करोड़ों की कमाई करते हैं. विज्ञापन, मीडिया राइट्स, टिकट बिक्री, स्पॉन्सरशिप और ब्रांड वैल्यू जैसे कई माध्यमों से IPL टीमों की कमाई होती है. यही वजह है कि यह लीग हर साल और भी बड़ी होती जा रही है!
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